अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने परिवार संग अक्षरधाम मंदिर का किया भ्रमण, कला-संस्कृति से हुए रूबरू

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने अपनी पत्नी उषा और तीन बच्चों इवान, विवेक और मिराबेल के साथ भारत की चार दिवसीय यात्रा के दौरान सोमवार को नई दिल्ली के स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर का भ्रमण किया। दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने के बाद वे सीधे इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर में पहुंचे। मंदिर भ्रमण के दौरान जेडी वेंस और उनके परिवार ने भारतीय कला, पारंपरिक हिंदू वास्तुकला और सांस्कृतिक विरासत को करीब से देखा। मंदिर के जटिल नक्काशीदार स्तंभों, भव्य गुंबदों और कलात्मक छतों ने उन्हें गहरे प्रभावित किया।

उन्होंने मंदिर में समाहित विश्व शांति और एकता के संदेश को भी सराहा। अतिथि पुस्तिका में अपने अनुभव साझा करते हुए वेंस ने लिखा, ‘इस खूबसूरत जगह पर मेरे परिवार का स्वागत करने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। भारत के लिए यह गर्व की बात है कि आपने इतनी सटीकता और देखभाल के साथ यह सुंदर मंदिर बनाया। हमारे बच्चों को यह विशेष रूप से बहुत पसंद आया। भगवान भला करे।’

191 से अधिक देशों के लाखों आगंतुकों को प्रेरित कर चुका
स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर दिल्ली के हृदय में स्थित भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और कला का जीवंत केंद्र है। 2005 में पूज्य प्रमुख स्वामी महाराज की प्रेरणा से निर्मित यह मंदिर विश्व शांति को समर्पित है और अब तक 191 से अधिक देशों के लाखों आगंतुकों को प्रेरित कर चुका है।

मंदिर का संचालन बीएपीएस स्वामिनारायण संस्था द्वारा किया जाता है
मंदिर का संचालन बीएपीएस स्वामिनारायण संस्था द्वारा किया जाता है, जो भारतीय मूल्यों और आध्यात्मिकता के संरक्षण के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और आपदा राहत जैसे मानवीय कार्यों में सक्रिय है।

आतिथ्य को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी
वेंस की यह यात्रा भारत और अमेरिका के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को और मजबूत करने का प्रतीक बनी। मंदिर के अधिकारियों ने उनके दौरे को दोनों देशों के बीच आपसी सम्मान और साझा मूल्यों का उदाहरण बताया। बीएपीएस संस्था, जो अमेरिका के रॉबिंसविल और यूएई के अबू धाबी में भी सांस्कृतिक स्थलों का संचालन करती है, ने उपराष्ट्रपति और उनके परिवार के आतिथ्य को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यह दौरा न केवल मंदिर की वैश्विक पहचान को रेखांकित करता है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और आतिथ्य को भी विश्व मंच पर प्रदर्शित करता है।

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