पंजाब में 42 हजार से अधिक वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर कब्जा

पंजाब में वर्तमान में 75,957 वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से 42,684 संपत्तियों पर अवैध कब्जा है, जिसका मतलब है कि 56 प्रतिशत संपत्तियां हैं जिन पर रसूखदारों ने कब्जा जमा रखा है।

राजनीतिक शह और मुलाजिमों से मिलीभगत कर पंजाब वक्फ बोर्ड की करोड़ों की प्रॉपर्टी पर अधिकतर ताकतवर लोगों ने कब्जा कर रखा है।

पंजाब एकमात्र ऐसा राज्य है जहां वक्फ संपत्तियों पर अवैध अतिक्रमण की संख्या सबसे अधिक है। इसमें बठिंडा सबसे आगे है। वक्फ बोर्ड की तरफ से ट्रिब्यूनल व अदालतों में केस विचाराधीन हैं। अब नए वक्फ (संशोधन) विधेयक ने इन वक्फ संपत्तियों को लेकर कई चिंताएं पैदा कर दी हैं। पंजाब में 1500 केस अदालतों में विचाराधीन है, जो स्थानीय अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में हैं।

उत्तर भारत में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां हैं, जिनके लिए नए वक्फ संशोधन विधेयक को खतरा बताया जा रहा है।

एडवोकेट नईम खान का कहना है कि नए वक्फ संशोधन विधेयक से पूरे वक्फ बोर्ड का ढांचा बदल जाएगा, जिसका असर बोर्ड के कामकाज पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जब वक्फ बोर्ड में बड़े बदलाव होंगे तो वक्फ संपत्तियां भी खतरे में आ जाएंगी, क्योंकि एक खास एजेंडे के तहत नया विधेयक आया है। पंजाब में सबसे अधिक वक्फ संपत्तियां बठिंडा जिले में हैं, जहां 9,405 संपत्तियों की पैमाइश की गई है, जो कुल संपत्तियों का लगभग 90 प्रतिशत है। अमृतसर जिले में 52.89 प्रतिशत संपत्तियों पर अतिक्रमण किया गया है। होशियारपुर जिले में 74.41 प्रतिशत संपत्तियों पर अतिक्रमण किया गया है।

सालाना 50 से 60 करोड़ रुपये की आय
पंजाब वक्फ बोर्ड को इस समय वक्फ संपत्तियों से सालाना 50 से 60 करोड़ रुपये की आय हो रही है, जबकि अनुमान है कि यह आय सालाना 200 करोड़ रुपये से अधिक है। पंजाब में सबसे अधिक संपत्तियां 19,886 मकान हैं, जबकि 14,427 कब्रिस्तान की संपत्तियां हैं। खान के मुताबिक नया वक्फ संशोधन विधेयक अवैध अतिक्रमणकारियों को मदद पहुंचाएगा और ऐसी आशंका है कि इससे वक्फ बोर्ड की संपत्ति छिनने का रास्ता साफ हो जाएगा। नया संशोधन विधेयक हर संपत्ति पर विवाद पैदा करेगा।

सेंट्रल डेटाबेस पर रजिस्टर्ड करना अनिवार्य
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के पारित होते ही वक्फ कानून में बड़े बदलाव होंगे। कानून के लागू होने के 6 महीने के भीतर हर वक्फ संपत्ति को सेंट्रल डेटाबेस पर रजिस्टर्ड करना अनिवार्य होगा। वक्फ को डोनेशन में दी गई हर जमीन का ऑनलाइन डेटाबेस होगा और वक्फ बोर्ड इन प्रॉपर्टीज के बारे में किसी बात को छिपा नहीं पाएगा। किस जमीन को किस व्यक्ति ने डोनेट किया, वो जमीन उसके पास कहां से आई, वक्फ बोर्ड को उससे कितनी इनकम होती है, उस प्रॉपर्टी की देख-रेख करने वाले मुतव्वली को कितनी तनख्वाह मिलती है, ये जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर मुहैया होगी।

अल्पसंख्यकों के मामलों में दखलअंदाजी : धामी
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर प्रतिक्रिया जताते हुए इसे केंद्र का अल्पसंख्यकों के मामलों में सीधी दखलअंदाजी करार दिया है। धामी ने कहा कि यह संशोधन बिल संबंधित पक्षों को विश्वास में लिए बिना लाया गया है। इस कारण इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार का मकसद अल्पसंख्यकों के अधिकारों को खत्म कर प्रबंधन को अपनी इच्छा के अनुसार चलाने की है। एसजीपीसी इसका विरोध करती है।

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