भ्रष्टाचार के मामले में भारत 180 देशों की सूची में 96वें पायदान पर पहुंच गया है। मंगलवार को जारी ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2024 में भारत 180 देशों में 96वें स्थान पर है, जबकि वर्ष 2023 में भारत की रैंक 93 थी।
विशेषज्ञों एवं व्यवसायियों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के धारणागत स्तरों के आधार पर यह इंडेक्स 180 देशों की रैंकिंग करता है। यह इंडेक्स शून्य से 100 के पैमाने का उपयोग करता है।
वर्ष 2023 में भारत की रैंक 93 थी
इसके अनुसार ”शून्य” का अर्थ अत्यधिक भ्रष्ट और ”100” का तात्पर्य बिल्कुल साफ-सुथरा होता है। इस आधार पर वर्ष 2024 में भारत का कुल स्कोर 38 था, जबकि 2023 में यह 39 और 2022 में 40 था। बहरहाल, वर्ष 2023 में भारत की रैंक 93 थी।
भारत के पड़ोसियों में पाकिस्तान (135) और श्रीलंका (121) अपनी-अपनी निम्न रैंकिंग से जूझ रहे हैं, जबकि बांग्लादेश की रैंकिंग और भी नीचे 149 पर है। चीन 76वें स्थान पर है। डेनमार्क सबसे कम भ्रष्ट राष्ट्र होने की सूची में सबसे ऊपर है, उसके बाद फिनलैंड और सिंगापुर हैं।
भ्रष्टाचार जलवायु कार्रवाई के लिए एक बड़ा खतरा
करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2024 के मुताबिक, भ्रष्टाचार दुनिया के हर हिस्से में एक खतरनाक समस्या है, लेकिन कई देशों में बेहतरी के लिए बदलाव हो रहा है। शोध से यह भी पता चला है कि भ्रष्टाचार जलवायु कार्रवाई के लिए एक बड़ा खतरा है। यह उत्सर्जन को कम करने और ग्लोबल वार्मिंग के अपरिहार्य प्रभावों के अनुकूल होने की प्रगति को बाधित करता है।