साहित्योत्सव : दिल्ली में साहित्य का महाकुंभ कल से, जुटेंगे 700 से ज्यादा रचनाकार

साहित्य अकादमी के साहित्योत्सव का शुक्रवार से आगाज हो रहा है। 12 मार्च तक रवींद्र भवन परिसर में चलने वाले साहित्य के इस महाकुंभ में देश भर के 700 से ज्यादा नामचीन लेखक व साहित्यकार हिस्सा लेंगे।

साहित्य अकादमी के साहित्योत्सव का शुक्रवार से आगाज हो रहा है। 12 मार्च तक रवींद्र भवन परिसर में चलने वाले साहित्य के इस महाकुंभ में देश भर के 700 से ज्यादा नामचीन लेखक व साहित्यकार हिस्सा लेंगे। वहीं, उत्सम में 50 से ज्यादा भाषाओं का प्रतिनिधित्व होगा। साहित्य अकादमी पुरस्कार अर्पण उत्सव का मुख्य आर्कषण होगा। इसमें 2024 के अकादमी पुरस्कारों के लिए चयनित साहित्यकारों को पुरस्कृत किया जाएगा।

साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि इस साल यह एशिया का सबसे बड़ा साहित्य उत्सव होगा। केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शुक्रवार को इसका उद्घाटन करेंगे।

छह दिवसीय आयोजन में करीब 100 अधिक विभिन्न सत्र होंगे। इसमें अलग-अलग भाषाओं के 700 से ज्यादा नामचीन लेखक और साहित्यकार शामिल होंगे। इस दौरान देश भर में चलने वाली साहित्यिक गतिविधियों पर संजीदा विमर्श होगा। साहित्य जगत के इस महामंथन से निकला अमृत साहित्यकारों के साथ पाठकों को साहित्य के नए आयामों से परिचित कराएगा।

अकादमी का कहना है कि आयोजन के दूसरे दिन शनिवार को अर्पण समारोह है। इसमें साहित्य अकादमी पुरस्कारों से नवाजे गए साहित्यकारों को सम्मानित किया जाएगा। मंडी हाउस स्थित कमानी सभागार में शाम पांच बजे शुरू होने वाले इस कार्यक्रम में देश भर के साहित्यकार जुटेंगे।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी मोहेंगी मन
छह दिवसीय साहित्योत्सव में इस बार की राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय भारतीय साहित्यिक परंपराएं : विरासत और विकास रखा गया है। आयोजन खुद में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी समेटे रहेगा। इनमें राकेश चौरसिया का बांसुरी वादन, फौजिया दास्तानगो का दास्तान-ए-महाभारत व नलिनी जोशी का हिंदुस्तानी गायन शामिल है। इसके अलावा रवींद्र भवन परिसर में भारतीय नदियों के नाम पर बनाए गए सभागारों में बहुभाषी कहानी-पाठ, पूर्वाेत्तरी, उत्तर-पूर्वी लेखक सम्मिलन समेत कई अन्य दूसरे विषयों पर चर्चा होगी।

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