सिंगरौली: देश को रोशन करने वाले पावर प्लांट ने लोगों की जिंदगी में किया अंधेरा

स्थानीय रिहंद जलाशय भी राख से प्रदूषित हो गया है, जिससे 20 लाख लोगों की पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो रही है और मछलियों की मौत तक हो रही है। लोगों की लगातार शिकायतों के बावजूद पर्यावरण विभाग और NTPC प्रबंधन उदासीन बना हुआ है।

यहां हवा में मौत मंडरा रही है, आंखों से राख के अलावा कुछ नहीं दिख रहा है, राख और धुएं से सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है, यह हाल है जिले में स्थापित NTPC विध्यांचल के इलाके का। यहां NTPC की राख ने लोगों की जिंदगी में आफत बनकर बरस रही है। इस वजह से पावर प्लांट से आसपास के लोगों का जीना मुहाल हो गया है। प्लांट से उड़ने वाले राखड़ से शहरवासी हलाकान हैं। तमाम शिकायतों के बाद भी पर्यावरण विभाग अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

एनटीपीसी की मनमानी
सिंगरौली जिले के विन्ध्यनगर में स्तिथ एनटीपीसी विंध्यांचल के जिम्मेदारों की मनमानी और अनदेखी के चलते स्थानीय ग्रामीण राखड़ के बीच जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं। बावजूद इसके एनटीपीसी प्रबधंक ग्रामीणों की समस्यायों को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है। एनटीपीसी विंध्यांचल ने बलियरी में राखड़ का डैम बनाया है। गर्मी का समय है ऐसे में डैम से बड़ी मात्रा में राखड़ उड़ कर आसपास के इलाकों तक जाती है। इस कारण घरों में राखड़ की मोटी परत चढ़ जाती है। वहीं खाने के सामान पीने के पानी और कपड़ों में डस्ट जमा हो जाती है। राखड़ से आसपास के 10 किलोमीटर तक के इलाके को प्रभावित करता है। राखड़ की मात्रा इतनी ज्यादा रहती है कि रोड पर चलने वाली गाड़ियां तक नहीं दिखती हैं, जिससे दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है।

टीबी, गंभीर त्वचा रोग और सांस की तकलीफ से पीड़ित लोग
डैम के आसपास के स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले दस वर्षों में थर्मल पावर प्लांट के आसपास के इलाके में राख और कोयले के धुएं के प्रदूषण के कारण कई लोगों की मौत हो चुकी है, इन इलाकों के कई लोग आज भी कैंसर, टीबी, गंभीर त्वचा रोग और सांस की तकलीफ से पीड़ित हैं। किसी भी समय आप पावर प्लांट के आसपास के इलाके में काले धुंए और उड़ती राख को आसमान में देख सकते हैं। हल्की हवा भी स्थिति को और खराब कर देती है।

पानी को भी जहरीला बना रही
NTPC राखड़ बांध के पास ही रिहंद जलाशय है, जो सिंगरौली और सोनभद्र के करीब 20 लाख की लोगों की प्यास बुझाती है। इसी जलाशय का पानी सिंगरौली जिले व सोनभद्र जिले के लोग पीते हैं, लेकिन अब यह जलाशय में जहरीली राख समा गई है और यह पानी पीने लायक नहीं बचा है। इतना ही नहीं जहरीले पानी की वजह से इसी जलाशय में कई मछलियों की भी मौत हो गई है। NTPC पावर प्लांट से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। देश को रोशन करने वाले पावर प्लांट के आसपास के लोगों की जिंदगी अंधेरी होती जा रही है। पावर प्लांट के जिम्मेदार अधिकारी इस पर अपनी प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं।

इस मामले में सिंगरौली जिला कलेक्टर चंद्र शेखर शुक्ला ने कहा कि यह सच है कि पावर प्लांट के राखड़ डैम की राख की वजह से समस्या हो रही है, हालांकि कंपनी के द्वारा सड़क पर पानी का छिड़काव किया जाता है। राख परिवहन बंद गाड़ियों से किये जाने के भी निर्देश जारी किए हैं।

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