मैं तिहाड़ जेल से कैसे भागा ?

एक हैरतअंगेज़ सच्ची कहानी, शेर सिंह राणा की ज़ुबानी

शेर सिंह राणा उर्फ पंकज कुमार पुंडीर। जन्म 17 मई 1976। उत्तराखंड के रूड़की के रहने वाले राजपूत परिवार में शेर सिंह ने जन्म लिया। फूलन देवी की हत्या के आरोप में शेर सिंह ने सुर्खियां बटोरीं। आरोप है राणा ने फूलन देवी के नई दिल्ली स्थित घर के बाहर हत्या की थी। उस समय फूलन देवी 13वीं लोकसभा में मौजूदा सदस्य थीं. शेर सिंह राणा ने कोर्ट में फूलन देवी की हत्या करने की बात को कबूल किया था.फूलन को मारने के बाद 2 दिनों के भीतर शेर सिंह ने आत्मसमर्पण कर दिया। इसके बाद एक दोस्त की मदद से तिहाड़ जेल से भागने में कामयाब होने के बाद फिर से सुर्खियां बटोरीं.
17 फरवरी 2004 को वह जेल से फरार हो गया. संदीप ने पुलिसकर्मी का वेश बनाया और राणा को हरिद्वार कोर्ट ले जाने का नाटक किया. भागने के बाद उसने अपने रिश्तेदारों से 1 लाख रुपये प्राप्त किए और भारत से बचने के लिए संजय गुप्ता के नाम से पासपोर्ट बनाया. उस दौरान उनका फाइनेंसर पकड़ा गया लेकिन राणा संजय बनकर बांग्लादेश भाग गया. ट्रैक से दूर रहने के लिए उसने सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया. 2006 में कोलकाता से उसे दोबारा गिरफ्तार किया गया था.
शेर सिंह राणा ने गजनी से हिंदू सम्राट पृथ्वी राज चौहान के अवशेषों को वापस लाने के लिए अफगानिस्तान की यात्रा करने का दावा किया। पेश है शेर सिंह राणा के साथ न्यूज़पथ के एडिटर-इन-चीफ दिग्विजय सिंह का EXCLUSIVE इंटरव्यू।