जत्थेदार रघबीर सिंह का कड़ा बयान: श्री अकाल तख्त का हुकमनामा मानना होगा

श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ने कहा कि शिअद नेतृत्व को दो दिसंबर को जारी आदेशों को मानना ही होगा। सिख संगत को स्पष्ट हो जाना चाहिए कि अकाली दल बादल का नेतृत्व श्री अकाल तख्त साहिब के साथ टकराव की नीतियां अपना रहा है।

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के साथ चल रहे विवाद के बीच एक बार फिर कड़ा बयान दिया है।

उन्होंने कहा है कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का नेतृत्व श्री अकाल तख्त साहिब से टकराव की नीति अपना रहा है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि दो दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से जारी हुक्मनामा पूरी तरह लागू होगा। शिअद नेतृत्व को इन आदेशों को मानना ही होगा। सिख संगत को स्पष्ट हो जाना चाहिए कि अकाली दल बादल का नेतृत्व श्री अकाल तख्त साहिब के साथ टकराव की नीतियां अपना रहा है।

हम आदेशों पर कायम
ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि शिअद के पुनर्गठन व भर्ती प्रक्रिया के लिए गठित सात सदस्यीय कमेटी के पांच सदस्यों की ओर से ही अब दो दिसंबर के आदेशों के अनुसार सौंपे गए काम को आगे बढ़ाया जाएगा। वह दो दिसंबर के आदेशों को लागू करवाने के अपने स्टैंड पर कायम हैं। कमेटी का वजूद अब भी कायम है।

कमेटी सदस्यों मनप्रीत सिंह सियाली, बीबी सतवंत कौर, संता सिंह, गुरप्रताप सिंह वडाला ने बताया है कि शिरोमणि अकाली दल बादल की वर्किंग कमेटी सहयोग नहीं कर रही है। इस कारण भर्ती प्रक्रिया सही ढंग से नहीं चल पा रही है। कमेटी अपने स्तर पर काम करने में असमर्थ है।

उल्लेखनीय है कि सदस्यों में से कमेटी के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी व किपाल सिंह बडूंगर इस्तीफा दे चुके हैं। दोनों अकाली नेताओं की गैर मौजूदगी में बीते शुक्रवार को हुई पांच सदस्यीय कमेटी की बैठक की रिपोर्ट जत्थेदार को सौंपी गई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *