अमेरिका में रहने वाले एनआरआई की लाडोवाल बाईपास के पास करोड़ों की जमीन थी। आरोपियों ने फर्जी एनआरआई खड़ा करके जमीन को लाखों में बेच दिया है। विजिलेंस ने मामला दर्ज कर लिया है।
लुधियाना के लाडोवाल बाईपास के पास स्थित गांव नूरपुर बेट में एनआरआई की जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर छह करोड़ की जमीन को तीस लाख रुपये में बेच दिया। इतना ही नहीं, किसी दूसरे व्यक्ति को ही एनआरआई बता कर पेश कर दिया गया और करोड़ों रुपये की जमीन कौड़ियों के भाव बेच दी गई।
विजिलेंस ने इस मामले में तहसीलदार सहित नौ आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। विजिलेंस की टीम ने एडवोकेट गुरचरण सिंह को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने फर्जी रजिस्ट्री मामले में मुख्य भूमिका निभाई थी।
वहीं, तहसीलदार जगसीर सिंह सरां, खरीदार दीपक गोयल, नंबरदार बघेल सिंह, रजिस्ट्री क्लर्क कृष्ण गोपाल, वकील गुरचरण सिंह, अमित गौड़, फर्जी एनआरआई दीप सिंह, एक कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रॉपर्टी डीलर रघबीर सिंह शामिल हैं। पुलिस गिरफ्तार किए गए एडवोकेट गुरचरण सिंह से पूछताछ कर बाकी आरोपियों का पता लगाने में जुटी है।
अमेरिका में रह रहे दीप सिंह की जगह दूसरे व्यक्ति को पेश कर दिया
एसएसपी विजिलेंस रविंदरपाल सिंह संधू ने बताया कि अमेरिका में रहने वाले एनआरआई दीप सिंह की लाडोवाल बाईपास के पास गांव नूरपुर बेट के पास 14 कनाल जमीन है, जिसकी मार्केट वेल्यू छह करोड़ है। विजिलेंस के पास शिकायत पहुंची कि आरोपियों ने उक्त जमीन को जाली कागजात तैयार करवा किसी अन्य व्यक्ति को दीप सिंह बता कर पेश कर दिया और रजिस्ट्री करवा दी।
एसएसपी ने बताया कि 21 फरवरी को सब-रजिस्ट्रार कार्यालय तहसील पश्चिम लुधियाना में अचानक जांच की गई। इसमें पता चला कि 11 फरवरी विक्रेता दीप सिंह और पंचकूला के दीपक गोयल खरीदार के बीच 30 लाख रुपये में एक बिक्री इकरानामा हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति ने स्वयं को दीप सिंह बताकर तहसील कार्यालय में पेश होकर इस जमीन की रजिस्ट्री करवाई, जबकि असली मालिक दीप सिंह अमेरिका में है।
गवाहों ने की फर्जी एनआरआई की पहचान
एसएसपी ने बताया कि अचानक जांच के दौरान असली रजिस्ट्री (बिक्री डीड) दस्तावेजों को कब्जे में ले लिया गया और इसकी तस्दीक के दौरान धोखाधड़ी की पुष्टि हुई। इस बिक्री डीड को तहसीलदार पश्चिम जगसीर सिंह सरां की ओर से नकली व्यक्ति की मौजूदगी में तस्दीक किया गया था। खरीदार दीपक गोयल की ओर से अमित गौड़ नाम का व्यक्ति पेश हुआ और रजिस्ट्रेशन के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर प्रॉपर्टी डीलर रघबीर सिंह, वकील गुरचरण सिंह और नंबरदार बघेल सिंह समेत गवाहों ने फर्जी एनआरआई के रूप में पेश हुए व्यक्ति की पहचान की।
जांच के दौरान विजिलेंस को पता चला कि असली मालिक दीप सिंह की उम्र 55 साल है और वह जन्म से ही अपने परिवार समेत अमेरिका में रह रहा है, जबकि इस फर्जी रजिस्ट्री करवाने वाले दीप सिंह की उम्र 39 साल है। एसएसपी विजिलेंस रविंदरपाल सिंह संधू ने बताया कि सबूतों और जांच रिपोर्ट के आधार पर 27 फरवरी को मामला दर्ज किया गया और इसकी जांच विजिलेंस ब्यूरो लुधियाना रेंज को सौंप दी गई है। एसएसपी विजिलेंस ने बताया कि एडवोकेट गुरचरण सिंह को गिरफ्तार किया गया है, जिसने गवाह के रूप में साइन किए हैं उसे शनिवार को अदालत में पेश किया जाएगा।