अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Trump Tariff Plan) ने एलान किया है कि वो भारत सहित कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने जा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस फैसले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रतिक्रिया दी है। लंदन में एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका की विदेश नीति में हो रहे बदलाव पूरी तरह अपेक्षित हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से अमेरिकी राष्ट्रपति जो कदम उठा रहे हैं, वैसा हमने अपेक्षा किया था। लंदन के चैथम हाउस संस्थान के डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ब्रोनवेन मैडोक्स के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने यह बात कही।
अमेरिका जो कर रहा है वो अपेक्षित है: विदेश मंत्री
विदेश मंत्री ने आगे कहा,”अगर आप वास्तव में इसे देखें तो आप जानते हैं कि राजनीतिक नेता वे चीजें करने की कोशिश करते हैं जिनका वह वादा करके सत्ता में आते हैं। वह अपने वादों में से कुछ काम तो करते ही करते हैं। हालांकि वे हमेशा सफल नहीं होते। वे वह सब नहीं कर पाते जो वे करना चाहते हैं, लेकिन एक सामान्य सिद्धांत स्पष्ट है और आप जानते हैं कि जब राजनीतिक ताकत या नेता के पास कोई एजेंडा होता है, खासकर अगर यह लंबे समय में तैयार किया गया होता है और वे इसके प्रति पूरी तरह स्पष्ट और भावुक होते हैं तो ऐसे में इन पर काम होने में हैरानी नहीं होती।’
एस जयशंकर ने आगे कहा,”मुझे लगता है कि पिछले कुछ हफ्तों में हमने जो कुछ देखा और सुना (अमेरिकी नीतियों पर) है, वह अपेक्षित था, इसलिए मुझे थोड़ा आश्चर्य है हुआ कि लोग इस पर आश्चर्यचकित हैं, जबकि इसमें हैरानी वाली कोई बात नहीं है।”
ट्रंप-जेलेंस्की के बीच हुई नोकझोंक पर क्या बोले विदेश मंत्री?
वहीं, हाल ही में अमेरिका को ओवल हाउस (अमेरिकी राष्ट्रपति का कार्यालय) में राष्ट्रपति ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, देखिए यूरोप को इस माइंडसेट से निकलना होगा, कि उनकी समस्या दुनिया की समस्या है, लेकिन दुनिया की समस्या उनकी समस्या नहीं है। जो भी हुआ ठीक नहीं हुआ।
भारत-चीन रिश्ते पर क्या बोले जयशंकर?
विदेश मंत्री जयशंकर से जब भारत और चीन के बीच रिश्तों पर भी प्रतिक्रिया दी। उनसे जब पूछा गया कि भारत, चीन के साथ किस तरह का रिश्ता चाहता है? इस सवाल पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हमारे बीच बहुत ही अनोखे रिश्ते हैं। हम दुनिया के दो ऐसे देश हैं जिनकी आबादी एक अरब से ज़्यादा है। हम दोनों का इतिहास बहुत पुराना है, जिसमें समय के साथ उतार-चढ़ाव आए हैं।