सेना दिवस की परेड 15 जनवरी को सेना की दक्षिणी कमान के तहत आने वाले पुणे में स्थित बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप और केंद्र में आयोजित होगी। इस मौके पर ‘गौरव गाथा’ नामक एक कार्यक्रम भी होगा।
इस साल सेना दिवस की परेड काफी अलग और भव्य होगी। पहली बार राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की एक महिला मार्चिंग टुकड़ी की भागीदारी देखने को मिलेगी। वहीं, बल के मिशन ओलंपिक विंग पर आधारित सहित चार झांकियों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा, बंगलूरू स्थित सैन्य पुलिस कोर (सीएमपी), सेंटर एंड स्कूल की एक महिला अग्निवीर टुकड़ी और मार्चिंग ‘रोबोटिक खच्चरों’ का एक समूह भी पहली बार परेड में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा।
15 जनवरी को परेड
गौरतलब है, सेना दिवस की परेड 15 जनवरी को सेना की दक्षिणी कमान के तहत आने वाले महाराष्ट्र के पुणे में स्थित बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप और केंद्र में आयोजित होगी। इस मौके पर ‘गौरव गाथा’ नामक एक कार्यक्रम भी होगा, जिसमें प्राचीन काल से लेकर आधुनिक युग तक की विकास यात्रा को प्रदर्शित किया जाएगा। सूत्रों की माने तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं।
यह रहेगी थीम
77वीं सेना दिवस परेड की थीम ‘समर्थ भारत, सक्षम सेना’ है। इसका उद्देश्य भारतीय सेना की ताकत और देश को मजबूत बनाने में उसकी भूमिका को दिखाना है।
इनका भी होगा प्रदर्शन
रक्षा सूत्रों ने बताया कि परेड के दौरान प्रदर्शित किए जाने वाले कुछ उपकरणों में के9 वज्र स्व-चालित होवित्जर, बीएमपी-2 सरथ पैदल सेना लड़ाकू वाहन, टी-90 टैंक, स्वाति हथियार पता लगाने वाला रडार, सर्वत्र ब्रिजिंग सिस्टम, मल्टी बैरल रॉकेट सिस्टम, एटीओआर एन1200 ऑल-टेरेन वाहन, ड्रोन जैमर सिस्टम और मोबाइल संचार नोड्स शामिल हैं।
12 रोबोटिक खच्चर भी बनेगा हिस्सा
इस साल पहली बार एनसीसी का एक महिला मार्चिंग दल और बंगलूरू में स्थित सेना की सैन्य पुलिस केंद्र से महिला अग्निवीरों का एक दल परेड में भाग लेंगे। इसके अलावा, 12 रोबोटिक खच्चर, जो नई तकनीक का हिस्सा हैं, भी परेड में शामिल होंगे। बता दें, इन रोबोटिक खच्चरों को पिछले साल भारतीय सेना में शामिल किया गया था। ये सेना की आधुनिकता की दिशा में एक कदम हैं। ये तेज-तर्रार मशीनें भारी सामान ढो सकती हैं, दुर्गम इलाकों तक पहुंच सकती हैं और आतंकवादियों से मुकाबला भी कर सकती हैं।
इसके अलावा, इस परेड में चार ऐसी झांकियां दिखाई जाएंगी, जो गणतंत्र दिवस में भी दिखेंगी। इनमें से एक झांकी भारतीय सेना के मिशन ओलंपिक विंग के बारे में होगी, जो भारतीय खेलों में उत्कृष्टता के लिए काम करता है। एक और झांकी सेना के पूर्व सैनिकों के योगदान को दिखाएगा। एक और झांकी सेना के पर्यावरणीय पहल और ग्रीन इनीशिएटिव्स को प्रदर्शित करेगा, जबकि चौथी झांकी सेना की नई तकनीकों जैसे ड्रोन, नैनो टेक्नोलॉजी और यूएवी के इस्तेमाल पर आधारित होगी। इस बार की परेड में कई और आकर्षक प्रदर्शन होंगे, जैसे कुत्ते का प्रदर्शन, हथियारों और उपकरणों की प्रदर्शनी, और रक्षा कंपनियों के स्टॉल्स।
पैरालिंपिक एथलीट पेटकर रहेंगे मौजूद
इस साल की परेड में, पैरालिंपिक एथलीट और सेना के पूर्व सैनिक मुरलीकांत पेटकर भी शामिल होंगे, जिन्होंने 1972 में तैराकी में गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलावा, परेड के पहले और बाद में कई अन्य गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी, जैसे कुत्तों का प्रदर्शन, हथियारों और उपकरणों की प्रदर्शनी, और रक्षा कंपनियों द्वारा स्टॉल्स का आयोजन। पारंपरिक रूप से, सेना दिवस की परेड दिल्ली में होती थी, लेकिन 2023 में यह बंगलूरू में आयोजित की गई और 2024 में यह लखनऊ में हुई।