Manoj Kumar की अंतिम विदाई में Abhishek Bachchan हुए नाराज

मनोज कुमार (Manoj Kumar Funeral), जिन्हें हिंदी सिनेमा में ‘भारत कुमार’ के नाम से भी जाना जाता है, का हाल ही में मुंबई के पवन हंस श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। इस भावुक मौके पर फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े चेहरे उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, सलीम खान, अरबाज खान, प्रेम चोपड़ा, रजा मुराद, अनु मलिक, उमंग कुमार, विंदू दारा सिंह और अशोक पंडित जैसे सितारे भी इस दुखद घड़ी में नजर आए थे।

जहां एक ओर सभी लोग शांति और संवेदनाओं के माहौल में शामिल थे, वहीं दूसरी ओर एक वीडियो ने सबका ध्यान खींच रहा है, जिसमें अभिषेक बच्चन का गुस्सा साफ झलक रहा था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

पैपराजी का कैप्चर करना नहीं आया पसंद

दरअसल, जब अभिषेक अपने पिता अमिताभ बच्चन के साथ श्मशान घाट से बाहर निकल रहे थे, तब वहां मौजूद पैपराजी लगातार उन्हें शूट करने की कोशिश कर रहे थे। इस स्थिति में अभिषेक को यह व्यवहार बिल्कुल भी उचित नहीं लगा और उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए एक फोटोग्राफर पर सख्त लहजे में प्रतिक्रिया दी। एक अन्य फोटोग्राफर का फोन भी उन्होंने पीछे हटा दिया, जो उन्हें लगातार रिकॉर्ड करने की कोशिश कर रहा था।

यूजर्स ने वीडियो पर दिए ऐसे रिएक्शन
इस वीडियो में अभिषेक का गुस्सा और उनकी झल्लाहट कैमरे में कैद हो गई। कुछ लोग उनके रिएक्शन को जायज बता रहे हैं और कह रहे हैं कि दुख के मौके पर ऐसी हरकतें नहीं होनी चाहिए, वहीं कुछ यूजर्स उन्हें ट्रोल भी कर रहे हैं। यह वाकया एक बार फिर सोशल मीडिया पर उस बहस को जन्म देता है कि सेलिब्रिटी की प्राइवेसी और मीडिया की हदों को लेकर संवेदनशीलता कितनी जरूरी है — खासकर तब, जब माहौल दुख और शोक से भरा हो।

मनोज कुमार का करियर और सम्मान
24 जुलाई 1937 को जन्मे मनोज कुमार का असली नाम हरिकिशन गिरि गोस्वामी था। उन्होंने अपने फिल्मी करियर में कई यादगार किरदार निभाए, लेकिन देशभक्ति से जुड़ी फिल्मों के लिए उन्हें खास पहचान मिली। इसी वजह से उन्हें प्यार से ‘भारत कुमार’ कहा जाने लगा।

भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। भारत सरकार ने उन्हें 1992 में पद्मश्री और 2016 में भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा। इसके अलावा उन्हें 7 फिल्मफेयर अवॉर्ड मिले, जिनमें 1968 की फिल्म ‘उपकार’ के लिए बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट स्टोरी और बेस्ट डायलॉग जैसे बड़े पुरस्कार शामिल हैं। साथ ही, उन्हें एक नेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया, जो उनके प्रभावशाली सिने करियर की मिसाल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *