इजरायली सेना ने कहा कि आरक्षित सेना में ऐसा कोई सैनिक नौकरी नहीं करेगा जिन्होंने इजरायल के गाजा पर हमले का विरोध किया था। बता दें कि कुछ सैनिकों ने एक पत्र लिखा था और इसमें जंग को सही नहीं बताया था। दावा किया गया कि ये जंग इजरायली सरकार बंधकों की रिहाई के लिए नहीं लड़ रही बल्कि राजनीतिक फायदे के लिए लड़ रही है।
इजरायली सेना में बगवात करने वालों पर अब गाज गिरेगी। इजरायल की सेना ने एक फैसला लिया कि आरक्षित सेना में ऐसा कोई सैनिक नौकरी नहीं करेगा, जिन्होंने इजरायल के गाजा पर हमले का विरोध किया था।
दरअसल, शुक्रवार को जारी एक बयान में सेना ने कहा कि यह एक्शन उन लोगों पर लिया जाएगा, जिन्होंने पत्र लिखे थे और कहा था कि इजरायली सरकार राजनीतिक फायदे के लिए लड़ रही है। पत्र में दावा किया गया था कि सरकार का प्रयास बंधकों वापस लाना नहीं है। इस पत्र के समर्थन में कई सैनिकों ने अपने हस्ताक्षर किए थे।
एक हजार से अधिक सैनिकों पर गिरेगी गाज
एक इजरायली सैन्य अधिकारी ने बताया कि यह बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है कि कोई भी सेना के भीतर ही मतभेद पैदा करे। सैन्य अधिकार ने कहा कि यह एक ऐसा समय है कि हमें मिलकर लड़ना चाहिए। लड़ने के बजाय उलटे सवाल खड़ना स्वीकार नहीं किया जाएगा। ऐसा करने से सैनिकों का मनोबल गिरता है।
इस मामले पर इजरायली सेना ने कहा कि हमने फैसला लिया ऐसा कोई भी आरक्षित सैनिक अब सर्विस नहीं करेगा, जिसने भी लेटर पर साइन किया हो। इस बीच ध्यान देने वाली बात ही कि सेना ने यह नहीं बताया कि इस एक्शन के कितने लोग शिकार हो सकते हैं। हालांकि, अभी तक की जानकारी के अनुसार, इजरायली सेना में शामिल 1000 एयरफोर्स रिजर्व सैनिकों और रिटायर जवानों ने ऐसे लेटर पर हस्ताक्षर किए थे। ये लेटर इजरायली मीडिया में गुरुवार को प्रकाशित हुआ था।
पत्र में क्या मांग की गई?
गुरुवार को सामने आए इस पत्र में सेना के कुछ जवानों ने मांग करते हुए कहा कि इजरायली सरकार को बंधकों को वापस लाना चाहिए। पत्र में कहा गया कि भले ही बंधकों को छुड़ाने के लिए इस जंग को रोकना पड़े। ये पत्र ऐसे समय पर सामने आया है, जिस दिन जब इजरायल ने गाजा पर हमले काफी तेज कर दिए हैं। वहीं, इजरायल ने गाजा पट्टी के कई रास्तों को ब्लॉक भी कर दिया है। दावा है कि इन्हीं रास्तों के जरिए गाजा पट्टी में मदद पहुंचती थी।
बंधकों की रिहाई की उठ रही मांग
7 अक्टूबर, 2023 को हमास ने इजरायल में घुसकर हमला किया था। इसके बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ जंग का एलान कर दिया। इजरायल ने उग्रवादी समूह के खिलाफ शुरू किए गए युद्ध के पीछे तुरंत एकजुटता दिखाई। बता दें कि युद्ध के बढ़ने के साथ-साथ यहां पर विभाजन बढ़ता गया। इस दौरान अधिकांश आलोचना गाजा में कार्रवाई पर नहीं की गई, बल्कि मारे गए सैनिकों की बढ़ती संख्या और बंधकों को घर वापस लाने में विफलता पर केंद्रित रही है।
इजरायल सरकार से सभी बंधकों को वापस लाने की मांग की जा रही है। इजरायली सेना के अनुसार, अब तक 59 लोग हमास में बंधक हैं। दावा किया जा रहा है कि इनमें से आधे लोगों की मौत हो गई है। बता दें कि इजरायल ने इस समय गाजा के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है। वहीं, वहां पर एक नया सुरक्षा कॉरिडोर भी स्थापित करने में लगा है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, युद्ध विराम टूटने के बाद से गाजा में 1,000 से अधिक लोग मारे गए हैं। इजरायली सेना ने शुक्रवार को उत्तरी गाजा के कई इलाकों में रहने वाले लोगों को तत्काल चेतावनी जारी की, जिसमें उन्हें तुरंत खाली करने के लिए कहा गया। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि इस सप्ताह की शुरुआत में हुए हमलों में कम से कम 23 लोग मारे गए, जिनमें आठ महिलाएँ और आठ बच्चे शामिल हैं।