साल 2023 में 16 अप्रैल को बिजली की अधिकतम मांग 7099 मेगावाट और साल 2024 में 9586 मेगावाट दर्ज की गई थी। वहीं इस बार बिजली की अधिकतम मांग 9752 मेगावाट दर्ज की गई।
पंजाब में बिजली की अधिकतम मांग ने बीते दो सालों का रिकाॅर्ड तोड़ दिया है। वहीं बढ़ती गरमी के साथ बिजली की मांग में लगातार वृद्धि के बीच पावरकाॅम के लिए मुश्किलें बढ़ रही हैं।
थर्मल प्लांटों के तीन यूनिट बंद पड़ने से जहां 750 मेगावाॅट की बिजली सप्लाई बंद पड़ी है। वहीं, रणजीत सागर डैम (आरएसडी) के भी चारों यूनिट बंद हैं। इस तरह से कुल 1350 मेगावाट सप्लाई ठप है।
बाहर से बिजली खरीद रहा पावरकाॅम
ऐसे में पावरकाम को बाहर से बिजली की खरीद करके मांग पूरी करनी पड़ रही है। पावरकाम अधिकारियों ने माना कि बिजली की मांग में इस बार वृद्धि दर्ज की जा रही है, लेकिन फिलहाल बिजली सप्लाई में कोई बड़ी समस्या नहीं है, लेकिन जून व जुलाई महीनों में पीक सीजन में इस बार बिजली की मांग 17500 मेगावाट जा सकती है। उस समय पावरकाॅम के लिए बिजली की मांग पूरा करना बड़ी चुनौती रहेगा। क्योंकि पावरकाॅम के पास 16500 मेगावाट बिजली की मांग पूरा करने के ही प्रबंध हैं।
लहरा मुहब्बत थर्मल प्लांट का 210 मेगावाट का एक नंबर यूनिट तकनीकी खराबी के कारण बंद है। इसके 20 अप्रैल को दोबारा चालू होने की संभावना है।
गोइंदवाल थर्मल प्लांट के दो यूनिट बंद गोइंदवाल थर्मल प्लांट के भी कुल 540 मेगावाट की क्षमता वाले दोनों यूनिट बंद हैं। इनमें से एक सालाना मरम्मत व दूसरा तकनीकी खराबी के चलते बंद है। वहीं रणजीत सागर डैम के भी 600 मेगावाट की क्षमता वाले चारों यूनिट फिलहाल बंद हैं। इस तरह से कुल 1350 मेगावाट बिजली सप्लाई ठप पड़ी है। पावरकाॅम ने बाहर से करीब 78 करोड़ रुपये की बिजली खरीद कर मांग पूरा की। यह बिजली 4.74 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से खरीदी गई। बुधवार को पावरकाॅम के पास अपने थर्मल प्लांटाें से करीब 1330 मेगावाट, प्राइवेट थर्मलों से 3100 मेगावाट, हाइ़डल प्रोजेक्टों से 114 मेगावाट समेत अन्य स्रोतों को मिलाकर कुल 5000 मेगावाट के करीब बिजली की उपलब्धता रही।