सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग आरपार हो चुकी है, लेकिन इसका निर्माण पूरा होने में करीब डेढ़ वर्ष का समय लग सकता है। सुरंग का काम पूरा होने के बाद यह मार्ग गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की करीब 26 किमी की दूरी को कम कर देगा। वहीं सिलक्यारा से बड़कोट तक के जिस सफर में वाया राड़ी टॉप अभी डेढ़ घंटा लगता है वह महज 15 मिनट में पूरा हो जाएगा।
सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग का निर्माण 1384 करोड़ की लागत से वर्ष 2018 में शुरू हुआ था। सुरंग का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा था, लेकिन नवंबर 2023 में हुए हादसे के बाद काम रुक गया था। हादसे के बाद सुरंग के अंदर आए मलबे को वर्ष 2024 के मध्य में हटाया जा सका और फिर तेजी से काम शुरू हुआ। एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि इस सुरंग को सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
करीब डेढ़ वर्ष में इस कार्य को पूरा करवाकर इस सुरंग से आवाजाही शुरू करवा दी जाएगी। इसके बाद चारधाम यात्रा और बर्फबारी के दौरान यात्रियों और स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। क्योंकि राड़ी में सड़क संकरी होने के कारण चारधाम यात्रियों को कई घंटों जाम में फंसे रहना पड़ता है। वहीं बर्फबारी के दौरान रास्ता कई दिनों तक बंद हो जाता है।
एनआईडीसीएल के एमडी डॉ. कृष्ण कुमार ने बताया कि सुरंग के निर्माण बाद गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की 26 किमी की दूरी कम हो जाएगी। ब्रेक-थ्रू के दाैरान एनएचआईडीसीएल के एमडी डॉ. कृष्ण कुमार, सीईओ अमरेंद्र कुमार सिंह, जीएस मो.शादाब, डीएम डॉ. मेहरबान सिंह मौजूद रहे।