भारत ने खारिज किया चीन का दावा; PAK के साथ सीजफायर के दावे पर सुनाया

भारत ने चीन की ओर से भारत-पाक सीजफायर में मध्यथता के दावे का सिरे से खारिज कर दिया है। भारतीय सरकार के सूत्रों का कहना है कि मई के संघर्ष के दौरान युद्धविराम तक पहुंचने में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं हुई थी।

एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया, “मध्यस्थता पर भारत का रुख हमेशा साफ रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद कोई मध्यस्थता नहीं हुई। भारत ने हमेशा यह कहा है कि कोई तीसरा पक्ष दखल नहीं दे सकता। पाकिस्तान ने भारत के DGMO से सीजफायर के लिए अनुरोध किया था।”

चीन ने क्या दावा किया था?

चीन ने बीते दिन भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव दूर करने में मध्यस्थता का दावा किया था। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव इस वर्ष चीन द्वारा मध्यस्थता किए गए प्रमुख मुद्दों की सूची में शामिल है।

जाहिर है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सात से दस मई के बीच संघर्ष हुआ था। दस मई को दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम हुआ था। तब से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम कराने का कई बार दावा कर चुके हैं। हालांकि भारत कह चुका है कि दोनों देशों की सेनाओं के डीजीएमओ के बीच वार्ता के बाद संघर्ष विराम हुआ।

ट्रंप के बाद चीन को चढ़ा क्रेडिट का खुमार

भारत का स्पष्ट रूप से कहना है कि भारत-पाकिस्तान से संबंधित मामलों में मध्यस्थता स्वीकार्य नहीं है। चीनी विदेश मंत्री ने बीजिंग में अंतरराष्ट्रीय स्थिति और चीन के विदेश संबंधों पर आयेाजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया।

वांग ने कहा, “द्वितीय विश्व युद्ध खत्म होने के बाद इस वर्ष स्थानीय युद्ध और सीमा पार संघर्ष अधिक बार भड़के। स्थायी शांति बनाने के लिए हमने एक वस्तुनिष्ठ और न्यायपूर्ण रुख अपनाया है। हमने उत्तरी म्यांमार, ईरानी परमाणु मुद्दा, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव, फलस्तीन और इजरायल के बीच मुद्दे और हालिया कंबोडिया व थाईलैंड के बीच संघर्ष में मध्यस्थता की।”

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